subodh

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Wednesday 24 September 2014

1 . पैसा बोलता है ...

ये वो शै है जो दुनिया को नचाती है ,गरीब तो गरीब पैसे वाला भी इसकी धुन पर नाचता है ,बच्चा हो या बुढ्ढा, साधु हो या गृहस्थ कोई भी इसके मोह से नहीं बच पाया है ,जिसके पास नहीं है वो तो इसे चाहता ही है लेकिन जिसके  पास है वो भी इसे चाहता है इसकी खूबसूरती वही समझ सकता है जिसके पास ये है और इसकी तड़फ वही समझ सकता है जिसके पास ये नहीं है ,संसार के सारे ऐशो आराम ,सारी सुविधाये इसी में समाई है , इसके बारे में ढेरों तरीके से लिखा गया है ,बड़े-बड़े विद्वानों ने अलग-अलग तरीके से इसकी व्याख्या की है , इसे पाने के,हासिल करने के अजब-गजब तरीके बताये है . कोई बिरला ही होगा जो इसके पीछे पागल नहीं है , इसकी ताकत इतनी ज्यादा है कि संसार के अधिकांश युद्ध इसी के लिए लड़े गए संसार के अधिकांश  धर्म इसे निषिद्ध घोषित करते है फिर भी इसके बिना उनका काम नहीं चलता ..

जी हाँ , इस ताकतवर ,कद्दावर शै को दुनिया जिस नाम से बुलाती है साधारण जुबान में उसे पैसा कहते है ,जो  अनमोल है अपने आप में बेजोड़ है !!!

ये ब्लॉग पैसे के बारे में ही है . निवेदन आपसे ये है कि इसमें मेरे  अनुभव,मेरे सच,मेरे तरीके मैंने बताये है हो सकता है वे अनुभव,वे सच,वे तरीके आपके लिए कारगर न हो क्योंकि मेरी परिस्थितियाँ और आपकी परिस्थितियां अलग-अलग हो सकती है ,और उसी के मुताबिक अनुभव,सच और तरीके भी बदल जाते है , मेरी बात को पढ़िए ,समझिए लेकिन मानिए मत क्योंकि अपने सच की तलाश व्यक्ति को खुद ही करनी पड़ती है ,अपने तरीके खुद बनाने पड़ते है और ज़ाहिर सी बात है अनुभव तो अलग ही मिलेंगे !तो आइये उस रास्ते  पर बढे जिसे लोग अमीरी का रास्ता  कहते है .......
सुबोध

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