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Tuesday 24 July 2018

81. सही या गलत -निर्णय आपका !

जो लोग जोखिम लेते है ,गलतियां करते है और उन गलतियों से 


सीखते है वे उन लोगों से हमेशा बेहतर होते है जो लोग जोखिम


से,नुकसान से डर कर गलतियां ही नहीं करते . क्योंकि


इस मानसिकता के लोग हिम्मती होते है और  एक कहावत बड़ी 


लोकप्रिय है " समझदार पीछे छूट जाते है और हिम्मती आगे

 

निकल जाते है ." ये गलतियों से इतना ज्यादा सीख लेते है कि 


आगे से उन गलतियों का इन्हे पहले से ही अंदाजा हो जाता है 


और 


इसका नतीजा ये होता है कि धीरे-धीरे इनके काम में निपुणता


आने लगती है और अगले किसी प्रोजेक्ट में ये इतनी बड़ी 


सफलता हासिल करते है कि पिछली सारी असफलताओं की भरपाई


हो जाती है और इन्हे ईनाम में वो कुछ मिलता है जिसके बारे में


किनारे पर खड़े हुए लोग सिर्फ सोच सकते है .



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Monday 23 July 2018

80. सही या गलत -निर्णय आपका !

अकादमिक एजुकेशन सिस्टम में गलतियों का नतीजा पनिशमेंट होता है और वहां उन्हें गलतिया न करने का प्रशिक्षण दिया जाता है . जब ये कहा जाता है कि "गलतियां ही सबसे अच्छी टीचर होती है " ये उन्हें समझ में नहीं आता लिहाजा अपनी अकादमिक एजुकेशन पूरी करने के बाद भी वो लोग भावनात्मक रूप से जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं होते और नतीजे में वो कोई ठीक-ठाक नौकरी पकड़ लेते है और अपनी वर्तमान नौकरी को अपनी वित्तीय सुरक्षा का जरिया मानते हुए ज़िन्दगी गुजारने लगते है ,बिना इस बात को समझे  कि नौकरी वित्त के क्षेत्र में एक दीर्धकालीन समस्या का अल्पकालीन समाधान है .वे लोग अपनी 


वर्तमान नौकरी में ही वित्तीय सुरक्षा और वित्तीय स्वतंत्रता 


देखते,समझते है जबकि नौकरी,वित्तीय सुरक्षा और वित्तीय 


स्वतंत्रता तीनो अलग-अलग स्थितियां होती है .


अमीर  मानसिकता के लोग इस बात को समझते है इसलिए वे 

लोग नौकरी की सुरक्षा ( वक्त-वक्त पर अपने c .v. में ऐसा कुछ 

जोड़ते रहना जिससे उनकी मार्किट में डिमांड बनी रहे ) के साथ ही

अन्य कमाई के तरीके से खुद को वित्तीय रूप से सुरक्षित करने

की कोशिश करते रहते है. 

पोस्ट 59  भी देखें .


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Thursday 19 July 2018

79. सही या गलत -निर्णय आपका !

अमीर बनने के लिए जो तीन महत्वपूर्ण कदम होते है आइये उन्हें समझे -

1  बनना
2  करना
3  पाना
जब आप अपने लक्ष्य  (3  पाना ) निर्धारित कर लेते है तो 

आपको समझ में आने लगता है कि लक्ष्य हासिल  करने के 

लिए आपने क्या - क्या करना(2 .करना ) है आपकी टू डू

लिस्ट  बन जाती है और आप उसी के अनुसार कार्य करने 

लगते है . आप देखते है,समझते है कि इस कार्य को अमीर

कैसे करते है जैसे-जैसे वो करते है आप करने का प्रयास 

करते 

है लेकिन आपको सफलता नहीं मिलती आप पूरी तरह खुद को 

री -चेक करते है कि गलती कहाँ से हो रही है,ज़रूरी सुधार 

करते है फिर भी सफलता नहीं मिलती अब आप परेशान है 

और 

असफलता को स्वीकार कर पूरी उम्र के लिए अमीर बनने का 

विचार त्याग देते है .

एक स्टडी के मुताबिक जो नए  प्रोजेक्ट आते है उनमे से 90 

प्रोजेक्ट आने वाले 5  साल में बंद हो जाते है इतनी बड़ी 

संख्या में प्रोजेक्ट फ़ैल होने का सही मायने में अर्थ क्या

 है इस बारे में सोचिये समझिए कि गलती कहाँ हो रही है .

आपके द्वारा  जो गलती हो रही है वो होने (1 .बनना ) में है . 
आप ने अमीरों के लक्ष्य बनाये,उनकी तरह काम किया लेकिन 

वैसे हुए नहीं - मानसिकता में आपके अंदर अभी भी छोटा डरा 

हुआ मुर्गा बैठा है जिसे हमेशा आशंका रहती है कि अब 

आसमान गिरने वाला है . यही सोच ,यही मानसिकता आपकी 

असफलता का कारण है . आपको पाने के लिए करने के साथ-

साथ बनना भी पड़ेगा .वो मानसिकता भी खुद में विकसित

करनी पड़ेगी जो अमीरों में होती है . उस छोटे डरे हुए मुर्गे 

को 

अपनी ज़िन्दगी से दूर भागना होगा जिसे हमेशा आसमान 

गिरने की आशंका रहती है 
.
इस सन्दर्भ में पोस्ट 41  और 42  भी देखे.


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Tuesday 17 July 2018

78.सही या गलत -निर्णय आपका !

अमीर और गरीब के बीच जो इकलौता फर्क होता है वो उसके चुनाव का है. ज़िन्दगी हर लम्हे चुनाव का विकल्प देती है वो क्या चुनता है इसी से उसका अमीर या गरीब बनना तय होता है . तनख्वाह मिलने पर अमीर मानसिकता का आदमी पहले 10 % या 20 % जो भी उसने निश्चित कर रखा है ,खुद को देगा ( जहाँ उसने इन्वेस्ट करना है,सेव करना है ) उसके बाद अपने बिल चुकाएगा ,अपने खर्चे पूरे करेगा और फिर अगर कुछ बचता है तो अपनी इच्छाएं पूरी करेगाजबकि गरीब मानसिकता का आदमी पहले अपने बिल चुकाएगा, अपने खर्चे पूरे करेगाइच्छाएं पूरी करेगा फिर अगर कुछ बच गया तो कहीं इन्वेस्ट करेगा या सेव करेगा.

इसी तरह से खाली समय में अमीर मानसिकता का आदमी अगर टी.व्ही . देख रहा है तो कोई बिज़नेस चैनल देखता है जबकि गरीब मानसिकता का आदमी कोई पिक्चर या सीरियल देखता है . न्यूज़ पेपर पढ़ने में  भी आप फर्क महसूस कर सकते है अमीर मानसिकता का आदमी इकॉनमी या किसी व्यवसाय के बारे में पढ़ेगा जबकि गरीब मानसिकता का आदमी हत्या,लूट,चोरी,बलात्कार जैसी ख़बरें पढ़ेगा . ये  साधारण सी नज़र आनेवाली बातें लम्बे समय में ज़िन्दगी पर बहुत बड़ा फर्क डालती है . आपका चुनाव ही आपका भविष्य तय करता है . इसलिए जो कुछ भी आप चुने पूरी तरह सोच-समझ कर चुने .

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