subodh

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Friday 26 September 2014

12. पैसा बोलता है ...

पैसा किसी काले व्यक्ति से नहीं कहता कि तुम काले हो इसलिए मैं तुम्हारे पास नहीं आऊंगा  और न ही ये किसी गोरे व्यक्ति से उसके गोरेपन  के कारण नाराज़ रहता है  . ये उस बीमारी से ग्रस्त है जिस बीमारी का नाम" कलर ब्लाइंड" है .
पैसा शिक्षित या अशिक्षित में कोई फर्क नहीं करता - यहाँ शिक्षित से मेरा तात्पर्य अकादमिक शिक्षा से है .
पैसा जाति देखकर चुनाव नहीं करता कि मैं ऊँची जाति वालों के घर में ही रुकुंगा या नीची जाति वालों के घर मैं ही रुकुंगा.
इसी तरह से पैसा ये नहीं कहता कि मैं अमुक धर्म वालों के पास ही रहूँगा  और दुसरे धर्म वालों के पास नहीं रहूँगा .
पैसा किसी की आर्थिक स्थिति से भी प्रभावित नहीं होता कि अमीर के पास ही रहेगा,गरीब के पास नहीं रहेगा या नहीं होगा. 
और तो और पैसा  तो उम्र को भी अहमियत नहीं देता .
ये संसार के सारे बंधनो से आज़ाद है !! 
यह सबको खुली चुनौती देता है कि आओ मुझे हासिल करो ......
अगर कोई कहता है 'मुझे दौलत चाहिए' तो उसे अपनी काबिलियत साबित करनी होगी 
और अगर कोई कहता है 'मुझे दौलत नहीं चाहिए' तो ज़ाहिर सी बात है ये उसको मिलेगी.भी नहीं .
पुरानी कहावत है काबिल आदमी इसे हासिल करता है और नाकाबिल बहाने बनाता है .

सुबोध -

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