subodh

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Saturday 27 September 2014

16 . पैसा बोलता है ...

                पैसे के लिए बुराई की जड़,हाथ का मैल,पाप की कमाई जैसे विशेषणों का इस्तेमाल करने वाले  शख्स से पैसे के बारे में बात करना एक तकलीफदेह अनुभव होता है . ऐसे शख्स को  पैसे की बुनियादी समझ नहीं होती है सो  पैसा इनके  लिए मज़ाक की बात होती है या फिर ये  लोग अपनी असफलता को जायज ठहराने के लिए कुतर्कों का सहारा लेते है लिहाजा ये  पैसे को ही नाजायज ठहरा देते है  , हकीकत में ये  अपनी खिसियाहट छुपा रहे होते है .
             अगर उनके कुतर्कों का जवाब कुतर्क से ही देना हो तो कुछ जवाब ये हो सकते है -
             अगर पैसा बुराई की जड़ है तो बुराई का पेड़ तो बड़ा विशाल होगा और आश्चर्य ,उस बुराई के पेड़ से अमीरों के लिए सुविधाएँ बरसती है और गरीबों के पास  बुराई की जड़ नहीं है तो उनके लिए तकलीफे हाज़िर हो जाती है !
            अगर पैसा हाथ का मैल है तभी तो गरीब आदमी उस मैल से शीघ्रातिशीघ्र छुटकारा पा लेता है क्योंकि मैल के साथ चिपके रहना उचित नहीं है ! 
            अगर पैसा पाप की कमाई है तो खुश हो जाइये मरने के बाद गरीबों को स्वर्ग मिलेगा और अमीरों को नरक - अगर होता हो तो ! इस जनम में तो स्थिति उलटी सी है !
         हकीकत में ये अपनी अधूरी जानकारी और समझ को लेकर ज़िन्दगी की कठिन डगर को और कठिन बना रहे है ऐसे लोग खुद के साथ-साथ अपने परिवार और रिश्तेदारों  के लिए  भी खतरनाक होते है . गाहे-बगाहे ये अपनी सोच को अन्य लोगो पर भी थोपने का प्रयास करते रहते है ! 
           ऐसे शख्स अगर आपके साथी है तो बेहतर है इनकी पैसे को लेकर नकारात्मक धारणाओं को आप अनसुना कर देवे ,ये खुद भीड़-भाड़ वाले रास्ते पर है और आपको भी उसी रास्ते पर चलाना चाह रहे है जो कतई  उचित नहीं है !!
- सुबोध 

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