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Monday 10 September 2018

83. सही या गलत -निर्णय आपका !

जो भी कदम आप उठाये पूरी तरह तैयारी करकर ही उठाये . उठाये गए कदम पर अडिग रहे जब काम शुरू करेंगे तो बहुत से तथाकथित शुभचिंतक आपकी भलाई के लिएबहुत सी सलाहें देंगे -लेकिन आप सिर्फ अपनी सोची गयी रणनीति पर कार्य करें ,आप का दिमाग खुला होना चाहिए - उनकी राय में वाकई में  दम है तो स्वीकार कीजिये लेकिन सिर्फ उन्हें ओब्लाइज़ करने के लिए अपनी पूर्व नीति में किसी तरह का बदलाव न करें.

      कदम उठाने से पहले दो बार सोच लेवे क्योंकि एक बार उठाया हुआ कदम वापिस लेना आसान नहीं होता वापिस लिया हुआ कदम पैसे केअलावा,मेहनत,समय ,आत्मविश्वास और मार्किट में आपकी इज्जत को भी नुकसान पहुँचाता है .
               
संसार में हर व्यक्ति ने कभी न कभी कोई न कोई गलती की है  सो गलतियों या असफलता से न घबराएं अगर आपका लिया गया निर्णय या रणनीतिगलत भी होती है तो साफ़ मन से अपनी असफलता स्वीकार करें ,अपनी असफलता की जिम्मेदारी ले अगर आप जिम्मेदारी नहीं लेंगे कोई बहाना बनाएंगे या अपनी असफलता का ठीकरा किसी और के माथे फोड़ेंगे तो ये निश्चित है आपका अगला प्रोजेक्ट भी असफल ही होगा क्योंकि आपने अपने व्यक्तित्व में उचित सुधार नहीं किया है  .अच्छे लीडर और अमीर लोग हमेशा अपनी असफलता,अपनी गलतियों को स्वीकार करते है क्योंकि उन्हें पता है कि सुधार हमेशा जिम्मेदारी से पैदा होता है.
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Wednesday 5 September 2018

82. सही या गलत -निर्णय आपका !

अमीरों की हिम्मत जुआरियों  वाली हिम्मत नहीं होती चूँकि ये

अंकों में बड़े साफ़-सुथरे होते है इसलिए एककेलकुलेटेड  रिस्क लेते
 
है ,जहाँ हारने की सम्भावना न के बराबर होती है ,रिस्क एंड 

रिवॉर्ड रेश्यो इनके फेवर  में होता है ,और अगर चीज़ें इनके

अनुमान के मुताबिक नहीं होती तो इनमें इतनी काबिलियत होती है

कि परिस्थितियों  के अनुसार खुद को बदल कर कार्य कर सके या 

चीज़ों से अपने अनुसार कार्य करवा सके . इसके वाबजूद भी अगर

इनका कोई प्रोजेक्ट फ़ैल हो जाता है तो ये चूँकि अपने किसी
प्रोजेक्ट में अपना सब कुछ न झोंक कर  30 -40 % तक ही डालते है  या फिर ये एक सिस्टम के तहत मार्किट से पूँजी उगाहते है सो ये पूरी तरह बर्बाद नहीं होते . जबकि गरीब आदमी अपनी पूंजी के साथ-साथ बीबी  के गहने ,बच्चों की बचत ,रिश्तेदारों-दोस्तों तक की पूँजी अपने प्रोजेक्ट में डाल देता है - उसकी असफलता की कल्पना ही दर्दनाक होती है .उसे दो मोर्चों पर लड़ना होता है पहला प्रोजेक्ट की सफलता दूसरा पूँजी की सुरक्षा जबकि अमीर सिर्फ प्रोजेक्टकी सफलता पर ही ध्यान केंद्रित करता है.
-सुबोध 

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