subodh

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Friday 26 September 2014

14. पैसा बोलता है ...

          एक मुहावरा बार-बार सुनने में आता है" पैसे का क्या है ,पैसा तो हाथ का मैल है "

          मैं सोचता हूँ क्या पैसा वाकई हाथ का मैल होता है ? क्या आप अपने शरीर पर मैल रहने देते है ? कोई भी मैल क्यों इकठ्ठा करेगा - सब तो सफाई चाहते है !!,एक बात तो पक्की है कि ऐसी सोच वालों के पास पैसा होता  नहीं है , टिकता नहीं है  क्योंकि इस तरह के वाक्य यही साबित करते है कि हमें पैसे की कोई कदर नहीं है और जिस चीज़ की आपको कदर नहीं होती है वो आपके पास टिकती भी नहीं है .

          एक बात और, ऐसे वाक्य कोई भी अमीर इस्तेमाल नहीं करता क्योंकि उसे ये पता होता है कि " पैसा बहुत कुछ होता है"  और  पैसा हाथ का मैल  नहीं बल्कि उसकी जी-तोड़ मेहनत का फल है ,नतीजा है और मेहनत से कमाई हुई,हासिल की हुई चीज़ की दिल एवं दिमाग में कदर होती है ,उसके लिए कोई ओछे और हलके शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता - मजाक में भी नहीं !!

        इस तरह के शब्द या तो गरीब इस्तेमाल करते है या जिन्होंने खुद के दम पर ,अपनी मेहनत और लगन से इसे नहीं कमाया या हासिल किया होता है !

         शब्द आपकी जिंदगी का प्रतिबिम्ब होते है ये आपके अतीत से बनते है वर्तमान से सँवरते है और भविष्य का निर्माण करते है ,इनकी ताकत अनुपम होती है ,इन्हे बोलने और सुनने में सावधानी बरते ,अगर आप ऐसे लोगों के संपर्क में है जो इस तरह के नकारात्मक शब्दों का,वाक्यों का इस्तेमाल करते है तो आप अपने भविष्य को लेकर सावधान हो जाइये !! शब्दों की ताकत को समझिए वे आपको अपरिवर्तित नहीं रहने देते , नकारात्मकता हमेशा खतरनाक होती है,अगर आप अमीरी की डगर पर चलने के इच्छुक है तो जितनी जल्दी हो सके ऐसे शब्दों,वाक्यों को कहने वालों से दूरी बना ले !!!
सुबोध

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