जब भी आपके हाथ में पैसे आते है,आप उस पैसे के साथ क्या
करते है ये निर्णय ही आपको अमीर या गरीब बनाता है .अमीर
बिलम्ब से संतुष्टि पाने में यकीन करता है अगर उसे बड़ी ख़ुशी
की
सम्भावना नज़र आये तोऐसी स्थिति में वो उस पैसे को खर्च
करने
की बजाय कही इन्वेस्ट करता है और अगर तत्काल उसे ऐसी कोई
सम्भावना नज़र न आये तो उस पैसे को सेव करता है
,
सम्भाल कर रखता है. जबकि गरीब को तत्काल संतुष्टि
चाहिए होती है,अपनी छोटी-छोटी खुशियों से उसे इतना प्यार
होता है कि उन्हें पूरा करने के लिए वो अपनी बड़ी खुशियों को
दांव
पर लगा देता है. आपके पास हमेशा विकल्प होते है ,सही
चुनाव ही आपको अमीर या गरीब बनाता है .
करते है ये निर्णय ही आपको अमीर या गरीब बनाता है .अमीर
बिलम्ब से संतुष्टि पाने में यकीन करता है अगर उसे बड़ी ख़ुशी
की
सम्भावना नज़र आये तोऐसी स्थिति में वो उस पैसे को खर्च
करने
की बजाय कही इन्वेस्ट करता है और अगर तत्काल उसे ऐसी कोई
सम्भावना नज़र न आये तो उस पैसे को सेव करता है
,
सम्भाल कर रखता है. जबकि गरीब को तत्काल संतुष्टि
चाहिए होती है,अपनी छोटी-छोटी खुशियों से उसे इतना प्यार
होता है कि उन्हें पूरा करने के लिए वो अपनी बड़ी खुशियों को
दांव
पर लगा देता है. आपके पास हमेशा विकल्प होते है ,सही
चुनाव ही आपको अमीर या गरीब बनाता है .
- सुबोध
No comments:
Post a Comment