subodh

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Wednesday 1 October 2014

26. पैसा बोलता है ...

कंडीशनिंग  के शिकार लोग अपनी असफलता के लिए भाग्य को दोष देते है !

संसार के अधिकांश लोग अमीरी और गरीबी को ,सफलता और असफलता को,हार और जीत को  भाग्य का खेल मानते है . वे इतने मासूम होते है कि बस छूटने से लेकर जेब कट जाने तक को किस्मत की  बात मानते है.

क्या आपको नहीं लगता कि  बस का छूटना  टाइम का मिस मैनेजमेंट  है , जेब का कट जाना लापरवाही का नतीजा है ,असफलता अधूरे प्रयासों का परिणाम है, हारना रणनीति के अभाव का फल है ,इसी तरह से गरीबी अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह न  जानने का परिणाम है . भाग्य या किस्मत को दोष देने से आप अपनी जिम्मेदारियों  से बच भर जाते है अपनी चिंतन-प्रक्रिया को एक गलत दिशा दे कर भारमुक्त हो जाते है. 

ये गैर जिम्मेदारी आती कहाँ से है , जो आपको अमीर बनने से , सफल व्यक्ति बनने से रोकती है  ?

इसकी जड़े कहाँ है ,क्या आपने कभी जानने का प्रयास किया ?

सफलता के ऐन नज़दीक पहुँच कर आपका मन बदल जाता है ,आप थकान महसूस करने लगते है, पेड़ को धराशायी करने के लिए सिर्फ एक वार ही और चाहिए था और कुल्हाड़ी उस आखिरी वार से पहले छूटकर घाटी की अतल गहराइयों में समां  जाती है.क्यों होता है ऐसा ? 

एक ही स्कूल से पढ़े-लिखे एक जैसे दिमाग वाले ,एक जैसे स्टेटस वाले दो  दोस्त जब असली ज़िन्दगी की शुरुवात करते है तो एक मीलों आगे निकल जाता है दूसरा  रास्ता कहाँ भटक गया पता ही नहीं चलता ?

अगर बार बार ऐसा ही हो रहा है तो अपनी बचपन की यादें टटोलिये कही वहां तो असफलता के बीज नहीं बोये हुए है ,जो विशाल पेड़ बनकर आपके दिमाग में ठहर गए है .और उम्र पाकर बड़े होने पर वे अब फल देने लगे है !

ये जान लीजिये कि भाग्य और  किस्मत सतत प्रयासों का परिणाम  है ,अगर सतत प्रयासों के बाद भी आपका भाग्य ,आपकी किस्मत आपका साथ नहीं दे रही है तो कहीं कुछ ऐसा है जिसे आप जानते नहीं है ,उसे जानिये .संभव है वो आपकी अतीत की कंडीशनिंग  हो.अगर आपकी कंडीशनिंग गलत हुई है तो उस कंडीशनिंग को जानिये,पहचानिये और वक्त रहते उस से छुटकारा पा लीजिये ;अपनी असफलता  को ,अपनी हार को अपना भाग्य न बनने दीजिये !! 
सुबोध 

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